रायपुर :- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज विधानसभा में कोल परिवहन को ऑनलाइन टीपी जारी करने की घोषणा की है। साय ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान खनिज संचालक ने आदेश जारी कर ऑनलाइन परमिट की प्रचलित व्यवस्था को खत्म कर ऑफ़लाइन कर दिया था। इससे कोल परिवहन में भ्रष्टाचार का समावेश हो गया। इससे राज्य की छवि पर धब्बा लगा।
ईडी की जांच और आदेश का प्रभाव
ईडी इस मामले की जांच कर रही है और कई अधिकारी जेल में हैं। मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता और सुशासन को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया को बदल कर भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा।
खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक द्वारा जारी आदेश को निरस्त किया गया है और अब ऑनलाइन टीपी जारी होगा। साय ने कहा कि बगैर परिवहन पास प्राप्त किए परिवहन किया जा रहा था। संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 2020 में नये निर्देश दिए थे, जो जेल में हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो में भी मामला विवेचनाधीन है।
ईडी की जांच और अपडेट
ईडी ने मामले में पहला चार्जशीट पिछले साल नौ दिसंबर को दायर किया था। ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में करीब 540 करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ है। इस पैसे का उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्तियों को बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया है।
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि छत्तीसगढ़ में कोल लेवी के लिए अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं का एक कार्टेल था, जो कोयला परिवहन के जरिए प्रति टन 25 रुपए की वसूली किया करता था।