खैरागढ़, विशेष संवाददाता:- खैरागढ़ जिल में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां विद्युत विभाग के ही एक कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई। पूरा मामला खैरागढ़ शहर का है, जहां विद्युत विभाग आज ट्रांसफ़ॉर्मर बदलने और लाइन मरम्मत का काम कर रहा था। इसी दौरान 26 वर्षीय कर्मचारी संतोष मंडावी की करंट लगने से जान चली गई।
घटना के दौरान संतोष मंडावी स्थानीय न्यायालय के सामने खंभे पर चढ़े हुए थे। विभाग ने न तो खंभे का विद्युत प्रवाह रोका था और न ही किसी भी प्रकार के सुरक्षा मानकों का पालन किया था। परिणामस्वरूप, संतोष मंडावी की करंट लगने से मौत हो गई। आसपास के लोगों ने तुरंत संतोष मंडावी को सिविल अस्पताल खैरागढ़ पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विद्युत विभाग के सभी आला अधिकारी संतोष की मौत के वक्त मौके पर मौजूद थे। बिना किसी सुरक्षा उपायों के और पॉवर सप्लाई बंद किए बिना ही संतोष को बिजली के खंभे पर चढ़ने दिया गया। इस लापरवाही के कारण संतोष मंडावी की जान चली गई। अधिकारियों की इस कार्य प्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
मीडिया से बचते अधिकारी
पूरे मामले में जवाबदार अधिकारी मीडिया से बचते दिखाई दे रहे हैं। मृतक संतोष मंडावी ग्राम सिवनी का रहने वाला था। संतोष की मौत के बाद से ही सिवनी में शोक का माहौल है।
पुलिस जांच
घटना की जानकारी पुलिस को दे दी गई है, जिसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह देखा जा रहा है कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है।
शोक में डूबा सिवनी गांव
मृतक संतोष मंडावी के गांव सिवनी में शोक का माहौल है। संतोष एक मेहनती और ईमानदार कर्मचारी थे, जिनकी अचानक हुई मौत ने सभी को सदमे में डाल दिया है। परिजन और गांववाले इस घटना को लेकर बेहद दुखी हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में विभाग
इस हादसे ने विद्युत विभाग की कार्य प्रणाली और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर किया है। इस घटना के बाद से विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं और यह सवाल उठ रहा है कि क्या विद्युत विभाग अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति सचेत है या नहीं।
इस दुखद घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी लापरवाही क्यों हो रही है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर क्या कार्रवाई की जाएगी। संतोष मंडावी की मौत ने यह साबित कर दिया है कि सुरक्षा उपायों का पालन न करने की कीमत कितनी भारी हो सकती है। प्रशासन और संबंधित विभागों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।