कवर्धा :- जिला मुख्यालय के कई प्राइवेट फिजियोथैरेपी क्लिनिकों में मरीजों से अच्छी सर्विस देने के नाम पर अधिक पैसा ऐंठा जा रहा है। विभिन्न क्लिनिकों में डॉक्टर अपने हिसाब से फीस निर्धारित कर रहे हैं, जिसमें कोई डॉक्टर ₹200 ले रहा है तो कोई ₹300। फिजियोथैरेपी का वास्तविक रेट ₹200 होना चाहिए, लेकिन कई डॉक्टर अच्छी सर्विस के नाम पर मरीजों से ₹300 वसूल रहे हैं।
अगर यह स्थिति जारी रही तो मरीजों को अपनी जेबें खाली करनी पड़ सकती हैं, यहाँ तक कि खून बेचकर भी फीस चुकानी पड़ सकती है। पहले पैसा फिर काम की नीति अपनाई जा रही है, और एक हफ्ते में ठीक होने वाली समस्या के लिए एक महीने का समय बताया जा रहा है। जबकि, फिजियोथैरेपी में सामान्यतया 10-15 दिन का समय लगता है।
इन क्लिनिकों में 10वीं, 12वीं और कॉलेज के छात्रों को काम करवाया जा रहा है। डॉक्टर मरीजों को इन छात्रों के हवाले छोड़कर कई घंटे फील्ड में रहते हैं। इस लापरवाही से मरीजों की जान पर भी बन सकती है।
जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इन प्राइवेट क्लिनिकों की हर माह नियमित जांच करनी चाहिए, ताकि डॉक्टर्स की लापरवाही को रोका जा सके और मरीजों को सही इलाज मिल सके।