कवर्धा: जिले के ग्राम पंचायत मरका में पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के गंभीर मामले प्रकाश में आ रहे हैं। ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव की मनमानी ने ग्रामीणों और पंचों को अत्यंत परेशान कर दिया है। आरोप है कि ग्राम पंचायत में पिछले पांच वर्षों से ग्रामसभा का आयोजन नहीं किया गया और 15वें वित्त आयोग की राशि तथा बाजार ठेके की राशि की बंदरबांट की जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव की मनमानी के चलते पंचायत के पंचों को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाती, जिससे वे और भी असंतुष्ट हो गए हैं। इस भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को कई बार लिखित शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्राम पंचायत मरका में पिछले दस वर्षों से विकास कार्यों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं रही है। आरोप है कि विकास के नाम पर केवल खानापूरी की जा रही है और गांव की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। इस सबके बीच, दबंग सरपंच के व्यवहार के कारण ग्रामीणों की परेशानियों में और इजाफा हुआ है।
भ्रष्टाचार की शिकायतें बार-बार उठाई गई हैं, लेकिन अधिकारियों की सुस्त रवैया के चलते इनकी जांच तक नहीं हो पाई है। हालांकि, इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने जांच टीम का गठन कर मामले की जांच कराने की बात की है। अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों की शिकायतों पर कार्रवाई कब होती है और कितनी प्रभावी होती है।
यह स्थिति ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है और वे उम्मीद कर रहे हैं कि जिम्मेदार अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान करेंगे।