ग्रामीण जन अपनी समस्या को लेकर बयां करते है की है बारिश की सीजन में हम ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करके नदी के उस पार लगे खेतो में काम करने जाते है, ग्रामीण तो ग्रामीण है ,दूर दराज से आने वाले राहगीरों को भी अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते है।
बाबा शिव की नगरी भोरमदेव , सावन महीना कांवरिया भाई नदी पर करते जान खतरे में रहते है
आपको बता दे की अभी सावन का महीना चल रहा है, जिसमे बाबा भोलेनाथ के श्रद्धालु कावंरिया वाले भाई बंधु इन्ही रास्तों से गुजरकर सीधे छत्तीसगढ़ का खजुराहो भोरमदेव पैदल यात्रा करते है, इन्ही रास्तों में कई पर्यटन स्थल भी है जिनमे लोग भ्रमण के लिए जाते है किंतु नदी में बाढ़ आने के कारण नदी पार करने में कठिनाइयां देख,पार करने की वजह से मायूस मन से वापस लौट जाते है,
अभी छत्तीसगढ़ प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने हुए है जिनमे गांव के लोग इन्ही पार्टी से आशय एवम् उम्मीदें लगाई बैठी है
आपको बताते चले की मीडिया के माध्यम इस इस खबर को कई बार अखबार में प्रकाशित किया गया था किंतु सरकार की इस कोई फैसला नहीं,अभी तक चुप, इस कर्रा नदी पर कोई जवाब ही नहीं दिया गया,
अब देखने वाली बात यह है की क्या? इस ग्राम के पूल में सरकार ध्यान आकर्षित करते है या नही , या फिर ग्रामीणों को ऐसी ही मुस्कीले भरे दिन गुजरकर जान जोखिम में डालकर नदी पार करने में लगे होते है,,