प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तुलसी यादव ने जानकारी दी कि यह परीक्षा पूरे प्रदेश में आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 5 लाख परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। यादव ने बताया कि अधिकांश परीक्षा केंद्र परीक्षार्थियों के निवास स्थान से काफी दूर होते हैं, जिसके कारण उन्हें वहाँ तक पहुँचने में कठिनाई होती है। ऐसे में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इन परीक्षार्थियों की सहायता का बीड़ा उठाया।
परीक्षार्थियों की समस्या का आंशिक समाधान
नगर मंत्री खेमलाल साहू ने बताया कि, "हम पूरी तरह से विद्यार्थियों की समस्याओं का निवारण तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन परीक्षा केंद्रों तक पहुँचने का मार्गदर्शन और अन्य छोटी-मोटी सहायता अवश्य प्रदान कर सकते हैं।" साहू ने यह भी कहा कि परिषद का उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए हमेशा तत्पर रहना है, और उनकी छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करना परिषद के कार्यकर्ताओं की नैतिक जिम्मेदारी है।
छात्र हित में निरंतर सेवा
नगर सहमंत्री बिरेंद्र बघेल ने कहा, "हम विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हैं और विद्यार्थी हित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हम परीक्षार्थियों की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगे भी रहेंगे। हमारी कोशिश यही रहती है कि किसी भी विद्यार्थी को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।"
विद्यार्थी परिषद के इस प्रयास की सराहना स्थानीय लोगों और परीक्षार्थियों ने की। परिषद ने सभी परीक्षार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।