बेमेतरा(विशेषसंवादाता):– दीपावली के पावन अवसर पर बेमेतरा युवा सेवा संघ के अध्यक्ष और प्रखर युवा नेता दाऊ सोनू साहू ने सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि भगवान श्रीराम और माता महालक्ष्मी का आशीर्वाद सभी के जीवन को खुशियों और समृद्धि से परिपूर्ण करे।
उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व एक ऐसे समय में आता है, जब लोग सुख-शांति की कामना करते हैं। इस पर्व के पीछे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व छिपा है। यह पर्व कई युगों से विभिन्न घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। सोनू साहू ने बताया कि कहा जाता है कि दीपावली का प्रारंभ सतयुग में हुआ था, जब समुद्र मंथन से माता महालक्ष्मी का प्रकट होना हुआ। उनके स्वागत के लिए दीप जलाए गए, और तब से दीपावली का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है।
सोनू साहू ने आगे बताया कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम जब रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे, तो उनके आगमन पर पूरी नगरी को दीपों से सजाया गया। यह दृश्य अयोध्यावासियों के उल्लास और प्रेम का प्रतीक था, जो आज भी दीपावली के पर्व के माध्यम से जीवंत होता है।
इस विशेष पर्व का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि दीपावली केवल एक दिन का उत्सव नहीं है बल्कि पांच दिवसीय पर्व है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज सम्मिलित हैं। ये पांचों दिन आनंद और आशीर्वाद का संचार करते हैं। सोनू साहू ने आशा व्यक्त की कि यह दीपावली सभी के जीवन में खुशियों और शांति का प्रकाश लेकर आए।
धनतेरस से भाई दूज तक, पर्वों का संयोग
सोनू साहू ने आगे बताया कि दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसमें धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके बाद नरक चतुर्दशी का दिन आता है, जिसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य पर्व दिवाली का दिन भगवान राम और माता लक्ष्मी के प्रति समर्पित होता है। इसके बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज के दिन भाई-बहन के रिश्तों में प्रेम और सम्मान की भावना को समर्पित होते हैं।
दीपावली का यह पंचपर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि समाज में भाईचारा और आपसी प्रेम को बढ़ावा देता है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाएं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रकाश फैलाएं।