पांडातराई, 12 नवंबर 2024:- अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय, पांडातराई में जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत (ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रांगण में भारत माता, आदिवासी वीरों में रानी दुर्गावती, शहीद वीर नारायण सिंह एवं भगवान बिरसा मुंडा जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
इस कार्यशाला की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. द्वारिका प्रसाद चन्द्रवंशी ने की। कार्यक्रम का संयोजन रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार त्यागी और सह-संयोजन वाणिज्य विभागाध्यक्ष शिवराम सिंह श्याम ने किया। कार्यशाला की प्रस्तावना शिवराम सिंह श्याम ने प्रस्तुत की।
मुख्य वक्ता सीताराम धुर्वे ने जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे जनजातीय समाज ने इतिहास, समाज और अध्यात्म में अपने उल्लेखनीय योगदान दिए। उन्होंने जनजातीय नायकों, उनके सामाजिक जीवन और उनके आध्यात्मिक योगदान, कला व संस्कृति के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
विशिष्ट अतिथि आसकरण धुर्वे ने जनजातीय समाज की रूढ़ि प्रथाओं, उनके संवैधानिक अधिकारों और आदिवासी राजाओं की दानशीलता पर अपने विचार व्यक्त किए। वहीं, मुख्य अतिथि प्रेमसिंह टेकाम ने बताया कि आदिवासी समाज का अतीत गौरवशाली रहा है और हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ साहसिक संघर्ष कर स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महाविद्यालय के छात्रों ने जनजातीय समाज से संबंधित लोकगीत और लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुतियां देकर कार्यशाला में रंग भर दिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता टिंकेश्वरी केसरी, पूर्वा गुप्ता, बुद्धदेव सिंगरोल, सूरज ओगरे, डॉ. राजकुमार वर्मा, डॉ. गोविंद सिंह ठाकुर, अजय कुमार वर्मा, जागेश्वर वर्मा, सूर्यभान सिंह धुर्वे समेत समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे। महाविद्यालय के ऊर्जावान विद्यार्थियों तुलसी यादव, बिरेंद्र बघेल, खेमलाल साहू, गोपाल जायसवाल, अजय साहू, ईश्वरु साहू, मुन्ना साहू, युगल सोनी और खुशी लहरे सहित समस्त छात्रों ने कार्यशाला को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक योगदान को उजागर करना था।