आनंद मेले में विद्यालय के भैया-बहनों ने छत्तीसगढ़ी परंपरा को जीवंत रखते हुए विविध प्रकार के स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी व्यंजन और पकवान प्रस्तुत किए। इसके अलावा, छात्रों ने विभिन्न विषयों पर आधारित वैज्ञानिक और कलात्मक मॉडल तैयार किए, जो न केवल उनकी रचनात्मकता बल्कि उनके आत्मनिर्भर और पर्यावरण-संवेदनशील दृष्टिकोण को भी प्रदर्शित करते थे।
सामाजिक समरसता और आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर
इस प्रदर्शनी और मेले का उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक सोच, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, और आत्मनिर्भरता की भावना को जागृत करना था। कार्यक्रम में छात्रों के उत्साह और सृजनशीलता की प्रशंसा हर किसी ने की।
मुख्य अतिथियों का उद्बोधन
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खिलेश्वर चंद्रवंशी ने बच्चों के प्रयासों की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता अश्वनी कोसरे ने की, और विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित धन्नूराम वर्मा, भगवती चंद्रवंशी, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष ने की प्रशंसा
विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद के प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष, चंद्रशेखर वर्मा जी का आगमन कार्यक्रम के लिए गौरव का क्षण रहा। उन्होंने बच्चों के मॉडलों और प्रदर्शनी को देखकर उनकी रचनात्मकता की पुरी-पुरी प्रशंसा की।
ग्रामवासियों और क्षेत्रवासियों ने लिया उत्सव का आनंद
कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य नरेंद्र कुमार वर्मा, व्यवस्थापक ओमप्रकाश देवांगन, और संकुल समन्वयक जगजीवन सर सहित समस्त आचार्य, दीदी, ग्रामवासी और क्षेत्रवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे प्रतिवर्ष आयोजित करने की मांग की।
इस आयोजन ने न केवल बच्चों को अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता दिखाने का मंच दिया बल्कि सामाजिक समरसता और क्षेत्रीय एकता को भी प्रोत्साहित किया। यह उत्सव आने वाले समय में भी समाज को प्रेरणा देने का काम करेगा।