मिनीमाता के पुण्यतिथि पर वर्ग 2 में पदस्थ शिक्षिका संगीता बघेल के द्वारा बैगा बालक आश्रम कवर्धा के बच्चों एवं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवीन कन्या शाला के दो स्कूली छात्रों को गोद लिया
August 12, 2023
कवर्धा :- मिनीमाता के पुण्यतिथि पर वर्ग 2 में पदस्थ शिक्षिका संगीता बघेल के द्वारा बैगा बालक आश्रम कवर्धा के बच्चों को पेन कॉपी वितरण किया गया एवं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवीन कन्या शाला के दो स्कूली छात्रों को गोद लिया गया बेटी बचाव बेटी पढ़ाव, पढ़ी बेेतिब्ता आगे बढ़ी बेटी का संकल्प लिया। वर्ग 2 में पदस्थ शिक्षक संगीता बघेल के द्वारा बच्चों को बताया गया कि छत्तीसगढ़ की पहेली महिला सांसद मां मिनीमाता बनी।मिनी माता को गुरुमाता के नाम से भी जाना जाता है मिनी माता का जन्म असम में 1913 को नुवांगांव जिले के ग्राम जमुनामुख में हुआ इनका मूल नाम मीनाक्षी ओर माता का नाम मतीबाई था। अकाल की स्थिति में पलायन कर मिनीमाता के दादा जीविकोपार्जन के लिए छत्तीसगढ़ के मुंगेली ग्राम सगुना असम के चाय बागान दौलतपुर में विस्थापित हो गए। मिनीमाता की सातवीं कक्षा तथा प्राइमरी तक स्कूल तक शिक्षा असम में ही हुई इसके बाद मैट्रिक तक की शिक्षा उन्होंने छत्तीसगढ़ से ग्रहण की। उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला छत्तीसगढ़ी भाषा का बहुत ही अच्छा ज्ञान था। छत्तीसगढ़ से समाज के प्रति लोगों का हाल-चाल जानने के लिए समाज के धर्मगुरु असम के चाय बागान जाया करते थे ऐसे ही एक समय तत्कालीन गुरु अगमदास जी दौलतपुर पहुंचे जिनकी कोई भी संतान नहीं थी। और महंत ने उनसे पुनः विवाह करने का आग्रह किया था वही महंत बुधारी दास की कन्या मीनाक्षी का विवाह 1932 में गुरु अगमदास जी से हुआ और इस तरह से साधारण परिवार में जन्मी एक कन्या, गुरु पत्नी अर्थात माता पद को प्राप्त हुई इसके बाद मिनीमाता गुरु के साथ छत्तीसगढ़ वापस आ गईं। 1955 उपचुनाव जीतकर में सर्वप्रथम महिला सांसद बनने का गर्व प्राप्त हुआ। वर्ग 2 में पदस्थ शिक्षक संगीता बघेल ने आगे बच्चो से कहा की शिक्षा व ताकत है जिससे हम दुनिया में बड़े से बड़े कार्य कर सकते हैं हम अपने अधिकारों के प्रति लड़ सकते हैं शिक्षा के माध्यम से हम अपने आप को समाज में शिक्षित नागरिकबन सकते हैंसाथ ही साथ समाज कोआगे प्रगतिशील बनाने के लिए एक नई किरण या दिशा की ओर ले जा सकते हैं।
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