इनामी नक्सलियों का समर्पण
आत्मसमर्पण करने वाले 33 नक्सलियों में से तीन नक्सलियों पर सरकार ने कुल 5 लाख रुपयों का इनाम रखा था। आज इन माओवादियों ने डीआईजी, सीआरपीएफ और बीजापुर एसपी के समक्ष समर्पण किया। इस महत्वपूर्ण घटना ने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
बीजापुर एसपी का बयान
बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि, "आज जो 33 नक्सलियों ने समर्पण किया है, वे आईडी प्लांट करना, सड़क खोदना, पर्चे फेंकने जैसे घटनाओं में शामिल रहे हैं। अच्छी बात यह है कि ये लोग स्वंय से यहां आए हैं और हमसे जुड़ रहे हैं। सरकार की मनशा अनुसार लगातार पुर्नवास नीति के तहत सफलता मिल रही है।"
नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता
सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास नीति और नक्सल उन्मूलन अभियान ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा, जिससे वे समाज में फिर से समाहित हो सकें।
आत्मसमर्पण की घटनाओं में वृद्धि
बीजापुर जिले में जनवरी से अब तक 109 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो कि एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि सरकार की रणनीति और नीतियों का असर हो रहा है। नक्सली हिंसा में कमी और शांति की स्थापना की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
पुनर्वास और समाज में पुनःस्थापना
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे समाज में फिर से एक सम्मानजनक जीवन जी सकें। इस नीति का उद्देश्य न केवल नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराना है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाना भी है।
छत्तीसगढ़ में सरकार का नक्सल उन्मूलन अभियान सफलता की ओर बढ़ रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि सरकार की नीतियां सही दिशा में हैं। इससे न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा की स्थापना होगी, बल्कि नक्सलियों को भी एक नई दिशा मिलेगी। यह उम्मीद की जाती है कि इस प्रकार के प्रयासों से छत्तीसगढ़ राज्य में स्थायी शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।