बिलासपुर (नेहरूनगर):- नगर निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर की हर गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे और हाइवे पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा आम बात हो गई है। ये मवेशी सड़कों के बीचों-बीच बैठे नजर आते हैं, जिससे न केवल यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ गया है। हाईकोर्ट द्वारा नगर निगम को आवारा मवेशियों को पकड़ने और नियमित अभियान चलाने के कड़े निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन निर्देशों का विशेष पालन होता नहीं दिख रहा है।
नगर निगम प्रशासन द्वारा आवारा मवेशियों को पकड़ने की प्रक्रिया मात्र खानापूर्ति तक सीमित है। शहर के वार्डों, सब्जी बाजारों, चौक-चौराहों और मुख्य सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति स्थानीय निवासियों और राहगीरों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रही है।
नगर निगम को विशेष रूप से सुबह और शाम के समय अभियान चलाकर मवेशियों को पकड़ने और उन्हें गौठानों में भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए। इन मवेशियों के गले में रेडियम बेल्ट बांधने की भी जरूरत है, ताकि रात के समय सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
मवेशी मालिकों की पहचान अनिवार्य
समस्या के स्थायी समाधान के लिए नगर निगम को मवेशियों के कानों के पास उनके मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर अंकित करना चाहिए। इससे सड़क पर मवेशी छोड़ने वाले मालिकों की पहचान आसानी से हो सकेगी। बार-बार मवेशियों को सड़कों पर छोड़ने वाले मालिकों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना और एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
पुलिस प्रशासन से सख्ती की मांग
आवारा मवेशियों की वजह से बढ़ती दुर्घटनाओं और असुविधा को देखते हुए पुलिस प्रशासन को भी मवेशी मालिकों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जुर्माने के साथ-साथ उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाने की आवश्यकता है।
नागरिकों की अपील
शहरवासियों ने नगर निगम प्रशासन से अपील की है कि वह इस गंभीर समस्या का तुरंत समाधान निकाले। नियमित अभियान चलाकर मवेशियों को पकड़ें और उन्हें गौठानों में भेजें। इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
नगर निगम की इस लापरवाही ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब जागरूक होकर इस समस्या का समाधान करता है।