कार्यक्रम का शुभारंभ नगर अध्यक्ष अनिल वर्मा, प्रदेश सहमंत्री तुषार चंद्रवंशी, प्राचार्य भास्कर जी, और नगर मंत्री खेमलाल साहू ने स्वामी विवेकानंद, मां सरस्वती और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।
संगोष्ठी में रानी लक्ष्मीबाई के योगदान पर चर्चा
संगोष्ठी के दौरान अनिल वर्मा ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन न केवल वीरता का प्रतीक है, बल्कि नारी शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी है। उन्होंने कहा, “आज की छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई के साहस और संकल्प से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को दिशा देनी चाहिए। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रक्षा करते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर वीरता की मिसाल पेश की।”
प्रदेश सहमंत्री तुषार चंद्रवंशी ने रानी लक्ष्मीबाई के योगदान को विस्तार से बताते हुए एबीवीपी द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे मिशन साहसी जैसे अभियानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “विद्यार्थी परिषद महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए हमेशा अग्रणी रहा है। रानी लक्ष्मीबाई के विचारों को आत्मसात कर युवा महिलाओं को साहसी और आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।”
विद्यार्थियों के लिए चित्रांकन प्रतियोगिता
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं के लिए एक चित्रांकन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें रानी लक्ष्मीबाई की जीवनगाथा को कला के माध्यम से प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया। इस प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों में रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और त्याग के प्रति जागरूकता और प्रेरणा का संचार किया।
प्राचार्य ने व्यक्त की सराहना
प्राचार्य भास्कर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “एबीवीपी जैसे संगठन इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को इतिहास और संस्कृति से जोड़ने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। ऐसे आयोजनों से छात्रों को अपने अंदर छिपी प्रतिभा और साहस को पहचानने का मौका मिलता है।”
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग
इस आयोजन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तुलसी यादव, मिथलेश साहू, नगर सहमंत्री बीरेंद्र बघेल, कलेश्वर महेद, अजय साहू, गोपाल, रामू, मानस, युगल, मुन्ना, टेकराम, राधेश्याम, मोनू, प्रियंका, प्रिया और हर्षिता सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
अभाविप की इस पहल ने न केवल रानी लक्ष्मीबाई की जयंती को सार्थक बनाया, बल्कि नारी सशक्तिकरण और विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए प्रेरणा भी प्रदान की। ऐसे कार्यक्रम समाज में बदलाव और जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।