पांडातराई, 5 नवंबर 2024 :- अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय पांडातराई में आज 'जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत: ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता, सरकारी अधिकारी, जनजातीय समाज के प्रतिनिधि और महाविद्यालय के विद्यार्थी एकत्रित हुए, जिससे आयोजन में उत्साह और गरिमा का संचार हुआ।
मुख्य अतिथि प्रेमसिंह टेकाम, जो शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोदवागोड़ान के प्राचार्य एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने इस कार्यक्रम को अपने प्रेरक विचारों से समृद्ध किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ जिला कबीरधाम के अध्यक्ष आसकरण धुर्वे, सामाजिक कार्यकर्ता सचिन धुर्वे और प्रमुख वक्ता के रूप में शिक्षक एवं समाजसेवी सीताराम धुर्वे उपस्थित रहे। कार्यक्रम के जिला संयोजक रघुवीर मेरावी थे।
आमंत्रित अतिथियों का स्वागत एवं उद्घाटन समारोह
अतिथियों में विशेष रूप से आमंत्रित सचिन गुप्ता (जिला महामंत्री, BJYM), तुकेश चंद्रवंशी (जिला उपाध्यक्ष, BJYM), महाविद्यालय के पूर्व छात्र तुषार चंद्रवंशी (प्रदेश सहमंत्री, ABVP छत्तीसगढ़) सहित कई अन्य गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. द्वारिका प्रसाद चंद्रवंशी द्वारा की गई, जबकि संयोजन की जिम्मेदारी रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार त्यागी एवं सहसंयोजक के रूप में वाणिज्य विभागाध्यक्ष शिवराम सिंह श्याम ने निभाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं जनजातीय वीरों जैसे रानी दुर्गावती, शहीद वीर नारायण सिंह, और भगवान बिरसा मुंडा के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों का पारंपरिक स्वागत पुष्पगुच्छ, पीला गमछा, और कलगी से किया गया।
जनजातीय समाज के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक योगदान पर विशेष व्याख्यान
मुख्य वक्ता सीताराम धुर्वे ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने जनजातीय नायकों, उनके सामाजिक जीवन, कला-संस्कृति, और धार्मिक धरोहरों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि आसकरण धुर्वे ने जनजातीय समाज की परंपराओं, उनके संवैधानिक अधिकारों, एवं आदिवासी राजाओं की दानशीलता के विषय पर विचार व्यक्त किए। प्रेमसिंह टेकाम ने आदिवासी समाज के गौरवशाली अतीत की गाथाओं का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे हमारे जनजातीय पूर्वजों ने विदेशी शासन के खिलाफ संघर्ष कर हमें स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जनजातीय लोकगीत और लोकनृत्य की प्रस्तुति
महाविद्यालय की छात्राओं ने जनजातीय समाज से संबंधित लोकगीत और लोकनृत्य की मोहक प्रस्तुतियाँ दीं, जिसने उपस्थित जनों का मन मोह लिया। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने जनजातीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को जीवंत किया।
कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय स्टाफ एवं छात्रों का योगदान
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता सुश्री टिंकेश्वरी केसरी, पूर्वा गुप्ता, बुद्धदेव सिंगरोल, सूरज ओगरे, डॉ. राजकुमार वर्मा, डॉ. गोविंद सिंह ठाकुर, अजय कुमार वर्मा, श्री जागेश्वर वर्मा, सूर्यभान सिंह धुर्वे सहित सभी कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में विशेष रूप से छात्र तुलसी यादव, बिरेंद्र बघेल, खेमलाल साहू, गोपाल जायसवाल, अजय साहू, ईश्वरु साहू, मुन्ना साहू, युगल सोनी, खुशी लहरे सहित कई विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों को सम्मानित करने और उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए हुआ। जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास और उनके असाधारण योगदान को समर्पित इस कार्यशाला ने न केवल उपस्थित जनों को प्रेरित किया, बल्कि आदिवासी समाज की धरोहर को भी उजागर किया।