ओडिया खुर्द:- सहसपुर लोहारा विकास खंड के सुदूर वनांचल क्षेत्र के सीमावर्ती गाँव पिरचाटोला में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में 26 जून 2024 को भव्य शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन किया गया। इस उत्सव का शुभारंभ ग्राम पंचायत सूरजपुरा वन की सरपंच श्रीमती बइयन बाई मेरावी, पंच प्रतिनिधि श्री दिलाराम ध्रुवे, ग्राम के वरिष्ठ नागरिक श्री खेमसिंग वर्मा और शाला प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष श्री दिलेश्वर ध्रुवे द्वारा माता सरस्वती के तैलचित्र पर पुष्प अर्पण कर और धूप बत्ती के साथ पूजा कर किया गया।
शाला प्रवेश का स्वागत: शाला प्रवेश उत्सव के दौरान 3 बच्चों का गुलाल लगाकर और मीठा खिलाकर विद्यालय में प्रवेश कराया गया।
निःशुल्क गणवेश एवं पाठ्य पुस्तक वितरण: कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि और पालकों द्वारा निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और गणवेश बच्चों को वितरित किए गए। नए पुस्तकों और गणवेश प्राप्त कर सभी बच्चे प्रफुल्लित नजर आए।
उपस्थित अतिथिगण: कार्यक्रम में ग्राम पंचायत सूरजपुरा वन की सरपंच बइयन बाई मेरावी, वरिष्ठ नागरिक खेम सिंग वर्मा, दिलेश्वर ध्रुवे, मंगल सिंह ध्रुवे, होरी लाल मेरावी, दिलाराम ध्रुवे, मीरा बाई मरकाम, लता बाई ध्रुवे, प्रेमकुमारी ध्रुवे, अगसिया बाई, सुरेश कुमार मेरावी, तुकाराम यादव, शिक्षक रमेश कुमार साहू, राजू वर्मा और संस्था के प्रधान पाठक रमेश दास मानिकपुरी उपस्थित रहे।
शिक्षकों द्वारा न्योता भोज का आयोजन: शासन की मंशानुसार विद्यालय के प्रथम दिवस पर वरिष्ठ शिक्षक रमेश कुमार साहू और राजू वर्मा द्वारा न्योता भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सेवई, पूड़ी, भजिया और मध्यान्ह भोजन समूह द्वारा चावल, दाल, सब्जी का प्रबंध किया गया। इस भोज का आनंद उपस्थित सभी अतिथियों ने लिया।
विद्यालय की उपलब्धियां: वनांचल का यह छोटा सा गाँव हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। पूर्व में यहां की बालिका ने जिला स्तर की खेल प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की थी। इस वर्ष यहां की दो बालिकाओं का चयन भोरमदेव कन्या परिसर महराजपुर और दो बालिकाओं का चयन नवोदय विद्यालय ओडिया कला में हुआ है। यहां के शिक्षक हमेशा नए-नए तरीकों से बच्चों को अध्यापन कार्य कराते हैं और कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें ऊपर उठाने का प्रयास करते हैं। इसके लिए इस विद्यालय में अलग से पठन लैब तैयार किया गया है, जहां विभिन्न पुस्तकों के माध्यम से बच्चे अपना समय व्यतीत कर अध्यापन कार्य करते हैं। इस प्रकार यहां के शिक्षक और प्रधान पाठक पालक विभिन्न प्रकार की शाला विकास योजनाएं बनाकर कार्य करते हैं।