भवानीपुर (बलौदा बाजार) :- रक्षाबंधन का पर्व भवानीपुर क्षेत्र में इस बार बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस पर्व की विशेषता यह रही कि हर आयु वर्ग के लोगों ने पूरे विधि-विधान के साथ इस पर्व को मनाया। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को निभाते हुए राखी का त्यौहार मनाया। भाई-बहन के इस रिश्ते का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
श्रद्धा और मान्यताओं से जुड़ा पर्व:
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन को रिश्तों में विश्वास और आपसी प्रेम को बढ़ाने का दिन माना जाता है। इस पर्व को देश भर में अलग-अलग तरीकों से और विभिन्न मान्यताओं के साथ मनाया जाता है। भवानीपुर में भी इस पर्व को पूरे उत्साह और धार्मिक भावना के साथ मनाया गया। इस वर्ष का रक्षाबंधन खास था, क्योंकि इस दिन सावन का आखिरी सोमवार और पूर्णिमा का शुभ संयोग था। इसके साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग भी बना, जिसने इस पर्व को और भी शुभ और विशेष बना दिया।
गांव में पंडितों का विशेष योगदान:
पर्व के दौरान पंडितों ने गांव की गलियों और घरों में जाकर लोगों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें आशीर्वाद दिया। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, जिसमें पंडित विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करने का प्रयास करते हैं। घर-घर में मिठाइयां बांटी गईं और बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधकर उन्हें तिलक किया। भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपने प्रेम और कर्तव्य को निभाया।
रक्षाबंधन का यह पर्व सभी के लिए खुशी और समृद्धि लेकर आया। हर घर में प्रेम और भाईचारे का माहौल रहा, और सभी ने मिलकर इस महापर्व का आनंद लिया। इस अवसर पर परंपरागत मान्यताओं के साथ-साथ आधुनिकता का भी संगम देखने को मिला, जहां एक ओर लोग धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते दिखे, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया के माध्यम से भी भाई-बहन ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं।
भवानीपुर के लोगों ने रक्षाबंधन को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया, और इस पर्व ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भाई-बहन का यह रिश्ता सबसे पवित्र और अमूल्य होता है।