शहर के हृदय स्थल, बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सस्ते और सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई प्री-पेड बूथ सेवा आज बंद पड़ी है। यह सुविधा कभी यात्री हितों के लिए एक आदर्श पहल मानी जाती थी, लेकिन ट्रैफिक पुलिस, रेल प्रशासन, और ऑटो चालकों की लापरवाही के चलते यह बार-बार बंद हो रही है।
कुछ साल पहले, ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को ऑटो चालकों की मनमानी से बचाने और न्यूनतम किराए पर यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए यह प्री-पेड बूथ सेवा शुरू की थी। महानगरों की तर्ज पर इस सेवा ने यात्रियों को एक संगठित और भरोसेमंद यात्रा का विकल्प दिया था। लेकिन वर्तमान में यह सेवा बंद है, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है।
समस्याओं की जड़: लापरवाही और मनमानी
ऑटो चालकों की मनमानी: प्री-पेड बूथ के नियमों का पालन न करना और अपनी शर्तों पर यात्रियों से अधिक किराया वसूलना।
प्रशासन की उदासीनता: ट्रैफिक पुलिस और रेल प्रशासन द्वारा बूथ को सुचारु रूप से चलाने में असमर्थता।
सुरक्षा की कमी: बूथ संचालन के लिए पर्याप्त कर्मचारियों और जवानों की तैनाती न होना।
यात्रियों की समस्याएं
यात्री ऑटो चालकों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं।
तय किराए से अधिक भुगतान करना पड़ता है।
यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुलभ यात्रा का विकल्प उपलब्ध नहीं है।
प्रशासन के लिए सुझाव
प्री-पेड बूथ सेवा का पुनः संचालन:
ट्रैफिक पुलिस और रेल प्रशासन को मिलकर इस सेवा को व्यवस्थित रूप से पुनः शुरू करना चाहिए।
ऑटो चालकों पर सख्ती:
मनमानी करने वाले ऑटो चालकों पर जुर्माना और आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए।
सुरक्षा और निगरानी:
प्री-पेड बूथ पर कर्मचारियों और सुरक्षा जवानों की तैनाती की जाए।
यात्रियों की सुविधा के लिए जागरूकता अभियान:
यात्रियों को प्री-पेड बूथ सेवा के महत्व और इसके उपयोग के बारे में जागरूक किया जाए।