पंडरिया:- पंडरिया ब्लॉक के सुदूर वनाचल संकुल केंद्र नेउर में पिछले तीन महीनों से संकुल समन्वयक का पद रिक्त पड़ा हुआ है, जिससे केंद्र के अंतर्गत आने वाले तीस प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की गतिविधियों पर निगरानी और मॉनिटरिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है।
संकुल समन्वयक का मुख्य कार्य स्कूलों की सतत निगरानी, मॉनिटरिंग और आवश्यक दस्तावेजों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना होता है। लेकिन इस महत्वपूर्ण पद के रिक्त रहने से न केवल प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आई है, बल्कि बच्चों की शिक्षा और गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है।
नेउर केंद्र के शिक्षकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव भेजकर यही के एक शिक्षक को संकुल समन्वयक नियुक्त करने की सिफारिश की है, ताकि क्षेत्रीय आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझते हुए शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सके। नियमानुसार, संकुल समन्वयक पद पर उसी क्षेत्र के शिक्षक को प्राथमिकता दी जाती है।
राजनीतिक दबाव से असंतोष
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव के कारण दूसरे संकुल से शिक्षक का प्रस्ताव मांगा जा रहा है, जिससे नेउर के शिक्षकों में नाराजगी बढ़ रही है। उनका कहना है कि यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय हितों की अनदेखी भी है।
कलेक्टर और विधायक से हस्तक्षेप की उम्मीद
शिक्षकों ने जल्द ही कलेक्टर और स्थानीय विधायक से मुलाकात कर नेउर के अंतर्गत कार्यरत शिक्षक को ही संकुल समन्वयक बनाए जाने की मांग उठाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि क्षेत्र के शिक्षक को यह जिम्मेदारी देने से शिक्षा व्यवस्था अधिक सुचारु और प्रभावी हो सकेगी।
विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग
शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से अपील की है कि वह जल्द से जल्द इस पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करे ताकि शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौट सके और बच्चों की पढ़ाई में बाधा न आए।
नेउर के शिक्षक इस मुद्दे पर एकजुट हैं और यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।